परीक्षा नहीं होने की स्थिति में रिजल्ट बनाने में होगी परेशानी | तिमाही छमाही के आधार पर तैयार किया जाएगा रिजल्ट

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स्कूल शिक्षा मंत्री की मंशा पर लोक शिक्षण के अधिकारियों ने क्यों फेरा पानी



भोपाल

स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार की मंशा पर लोक शिक्षण के अधिकारियों ने पानी फेर दिया है| लोक शिक्षण के अधिकारियों ने शासन के नियमों को तक पर रख तिमाही व छमाही परीक्षा करवा ली| अब वार्षिक परीक्षा नहीं होने की स्थिति में सरकारी व प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट बनाने में माशिमं को परेशानी होगी| दरअसल कोरोना वायरस के चलते बीते साल से दसवीं बारहवीं के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के पास किया गया| वर्ष 2021-22 की परीक्षा को लेकर राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा इंद्र सिंह परमार ने कहा कि विद्यार्थियों का साल भर असेसमेंट किया जाएगा| अगर नवमीं से 12वीं तक की वार्षिक परीक्षा नहीं होती है, तो तिमाही व छमाही के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा| इसके लिए शासन से नियम भी जारी हो गए| 


नियमों के तहत 11वीं 12वीं के परीक्षा को लेकर प्रश्न पत्रों में अंको का निर्धारण किया गया| इसके तहत 11वीं 12वीं के प्रश्न पत्र में थ्योरी 70 व प्रैक्टिकल 30 नंबर के होंगे| इसी आधार पर तिमाही वा छमाही परीक्षा करवाना थी| लेकिन लोक शिक्षण में शासन के नियमों के ताक पर रखते हुए सरकारी स्कूलों में तिमाही वा छमाही की परीक्षा के प्रश्न पत्र की थ्योरी 80 व प्राइवेट 20 नंबर के आयोजित करवाए| जबकि प्राइवेट स्कूलों में तिमाही व छमाही की परीक्षा के प्रश्न पत्र शासन के नियमों के तहत थ्योरी 70 व प्रैक्टिकल 30 नंबरों को आयोजित किए गए| सवाल यह है कि मंडल का परीक्षाओं को लेकर ब्लू प्रिंट जारी होने के बाद भी लोग शिक्षण के अधिकारियों ने प्रश्न पत्र में नंबरों की गलत मार्किंग की| जिससे अब परेशानी हो रही है|

 

किस कारण हो रही है विद्यार्थियों का रिजल्ट बनाने में होगी परेशानी


लोक शिक्षण संचालनालय नौवीं से 12वीं तक की तिमाही वा छमाही की परीक्षा संपन्न करा चुका है| अब प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित करवा रहा है| परीक्षा होने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नवामीं से बारहवीं तक के सभी विद्यार्थियों के ऑनलाइन नंबर मांगे हैं| इसमें मंडल ने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन फॉर्मेट भी दिया है| प्राइवेट स्कूलों के 11 वीं 12 वीं के विद्यालयों के नंबर मंडल के विषयों अनुसार थ्योरी के 70 व प्रैक्टिकल के 30 के अनुसार भरे जा रहे हैं| लेकिन सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के नंबर दर्ज नहीं हो पा रहे हैं| क्योंकि इन विद्यार्थियों की तिमाही व छमाही परीक्षा थ्यौरी के 80 व प्रैक्टिकल के 20 नंबर के आधार पर हुई हैं| इससे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों परेशान हो रहे हैं| मंडल भी समझ नहीं पा रहा है कि प्रैक्टिकल व सरकारी स्कूलों की परीक्षा में विद्यार्थियों के अलग-अलग नंबर को कैसे दर्ज किए जाएं| अलग-अलग नंबर होने से वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट बनाने या उन्हें वेटेज देने में परेशानी होगी|


मंडल की ओर से आदेश पंद्रह जनवरी तक है अंतिम तिथि


मंडल ने तिमाही, छमाही व प्री बोर्ड परीक्षा के नवमीं से बारहवीं तक अंकों को ऑनलाइन दर्ज कराने के लिए पंद्रह जनवरी तक का समय दिया है| इसमें प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थियों के अंक दर्ज लगभग हो चुके हैं, जबकि सरकारी स्कूलों के 11वीं 12वीं के विद्यार्थियों के नंबर दर्ज नहीं हो पा रहे हैं| जबकि कई सरकारी स्कूलों ने थ्योरी के 80 व प्रैक्टिकल के 20 नंबर के आधार पर कनवर्ट कर 70 यह 30 के मान से करके ऑनलाइन आंक दर्ज कर दिए हैं|


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